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लखनऊ43 मिनट पहले
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2019 के लोकसभा चुनाव से पहले मुख्तार को बांदा जेल से पंजाब की रोपड़ जेल में शिफ्ट किया गया था।
- SC में UP सरकार ने दाखिल किया हलफनामा, कहा- मुख्तार को UP भेजने के लिए विशेष शक्ति का इस्तेमाल करें
- अगली सुनवाई दो मार्च के लिए टली, 2019 से पंजाब की रोपड़ जेल में बंद है बाहुबली मुख्तार अंसारी
उत्तर प्रदेश के मुख्तार अंसारी को लेकर UP और पंजाब सरकार के बीच टकराव जारी है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में मुख्तार अंसारी को UP भेजने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान सॉलिसीटर जनरल (SG) मुकुल तुषार मेहता और मुख्तार के वकीन मुकुल रोहतगी के बीच तीखी बहस हुई। मुकुल रोहतगी ने कहा कि वह (मुख्तार अंसारी) एक छोटा आदमी है। इस पर SG ने कहा कि इतना छोटा आदमी है कि एक राज्य सरकार पूरी बेशर्मी से उसे बचाने में लगी है।
अदालत ने दो मार्च तक के लिए सुनवाई टाल दी। बता दें कि मुख्तार अंसारी साल 2019 से पंजाब के रोपड़ जेल में बंद है। कोर्ट में विचाराधीन मामलों में पेशी के लिए गाजीपुर और आजमगढ़ की पुलिस कई बार रोपड़ जेल गई‚ लेकिन हर बार मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट का हवाला देकर मुख्तार को UP पुलिस को सौंपने से रोपड़ जेल प्रशासन आनाकानी करती रहा।
UP सरकार ने मिलीभगत का आरोप लगाया
उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में लिखित दलीलें दाखिल करते हुए कहा कि वह मुख्तार की सुरक्षा और उसके स्वास्थ्य को लेकर प्रतिबद्ध हैं। कहा गया कि अंसारी के खिलाफ कई बार पेशी वारंट जारी हुआ, लेकिन रोपड़ जेल के अधिकारी उसे बीमार बताते रहे। मोहाली मामले में दो साल से चार्जशीट दाखिल नहीं हुई। फिर भी अंसारी वहां जमानत नहीं मांग रहा है। इससे मिलीभगत साफ दिख रही है।
अंसारी 15 साल से UP की जेल में रहा, जहां उसे सभी मेडिकल सुविधाएं दी गई। मुख्तार अंसारी जिस माफिया ब्रजेश सिंह से खतरा बता रहे हैं वह पिछले 10 साल से जेल में बंद है। वह कानून के शिकंजे से बचने के लिए अलग-अलग हथकंडे अपना रहा है। इसलिए उसके ट्रायल के लिए UP भेजा जाए।
योगी सरकार ने अपने हलफनामे में इन बातों का जिक्र किया
- प्रयागराज के MP/MLA कोर्ट में जघन्य अपराध के 10 केस हैं।
- बांदा जेल सुपरिटेंडेंट ने बिना MP/MLA कोर्ट की अनुमति पंजाब पुलिस को सौंपा।
- कई बार पेशी वारंट जारी, रोपड़ जेल अधिकारी उसे बीमार बताते रहे।
- मोहाली मामले में 2 साल से चार्जशीट जमा नहीं हुआ। फिर भी वहां ज़मानत नहीं मांग रहा। मिलीभगत साफ दिख रही है।
- सुप्रीम कोर्ट न्याय के हित में अपनी विशेष शक्ति का इस्तेमाल करें, मुख्तार को वापस यूपी भेजा जाए।
- मोहाली में दर्ज केस भी प्रयागराज ट्रांसफर किया जाए।