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लखनऊ10 घंटे पहले
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पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ में अहम जानकारी जुटाई है।
- हवाला डील के जरिए विदेश में बेचना चाहते थे मूर्ति
- बांदा के कबरई से हासिल की थी अष्टधातु की मूर्ति
राजधानी लखनऊ में सोमवार को पुरानी बेशकीमती अष्टधातु की मूर्ति चोरी कर तस्करी करने वाले 7 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। लखनऊ सेंट्रल के एडिशनल डिप्टी कमिश्नर चिरंजीव नाथ सिन्हा ने बताया कि इनके पास से जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ की प्राचीन अष्टधातु की मूर्ति बरामद की गई है, जो तकरीबन 700 वर्ष प्राचीन बताई जा रही है। यह मूर्ति बांदा के कबरई से हासिल की गई थी। मूर्ति की अंतरराष्ट्रीय कीमत करोड़ों में है। पुलिस की जांच में आरोपियों का इंटरनेशनल लिंक भी सामने आया है।
हवाला के जरिए हो रही थी डील
बरामद मूर्ति का वजन लगभग 2 किलो 900 ग्राम है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सुनील, राजू सिंह, राजकुमार निषाद, शिवकुमार आदि के रुप में हुई है। राजू सिंह कानपुर का रहने वाला है। जबकि सुनील बिहार के कटिहार का रहने वाला है। आरोपियों को ACP स्वतंत्र सिंह व कृष्णा नगर पुलिस की टीम ने नादरगंज क्षेत्र में ट्रैफिकिंग के समय बाहर भेजेने के वक्त पकड़ा है। इस गैंग में कुल 7 व्यक्ति हैं, जो यह काम हवाला डील के जरिए तस्करी का करते थे।
ADCP चिरंजीव ने बताया कि इस तरीके की मूर्तियां यह लोग प्राचीन मंदिरों से और जो भी प्राचीन जगह है वहां से इकट्ठा करते थे। इसके बाद बाहर विदेशों में भी भेजने का काम किया करते थे। क्योंकि इन मूर्तियों का इंटरनेशनल मार्केट है। अब हम लोग यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर विदेशों में वह कौन लोग हैं जो ऐसा काम करते हैं। हम लोगों ने (ASI- आर्किलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) पुरातत्व विभाग को भी इन तस्करों से पूछताछ के लिए बुलाया है। जिससे ज्यादा से ज्यादा इन मूर्तियों के बारे में पुख्ता जानकारी और मिल सके।

बरामद मूर्ति।
पुलिस की इन्वेस्टिगेशन जारी
पुलिस की इन्वेस्टिगेशन जारी है। जैसे-जैसे तथ्य सामने आएंगे उस पर कार्रवाई की जाएगी। अभी ज्यादा खुलासा कर देने से जो लोग बाहर हैं, वह अलर्ट हो सकते हैं। इसीलिए हम लोग अभी ज़्यादा कुछ भी बताना नहीं चाहते हैं।