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अहमदाबादएक घंटा पहले
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इंग्लैंड के खिलाफ 4 टेस्ट मैचों की सीरीज के अगले दो मैच अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में होने हैं। इसके लिए दोनों टीमें अहमदाबाद पहुंच चुकी हैं। दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम में पहला मैच देखने के लिए क्रिकेटरों से लेकर प्रशंसक तक सभी उत्साहित हैं। मोटेरा कई रिकॉर्ड्स का गवाह रहा है। यहां सचिन तेंदुलकर ने टेस्ट करियर की पहली डबल सेंचुरी लगाई थी।
वहीं, सुनील गावस्कर ने इस ग्राउंड पर टेस्ट में 10 हजार रन पूरे किए थे। इसी सिलसिले में हम मोटेरा स्टेडियम में बने उन रिकॉर्ड्स के बारे में बता रहे हैं, जो भारत के क्रिकेट इतिहास में अमर हो गए।

7 मार्च, 1987 को गावस्कर ने इतिहास रचा था। वे 10 हजार रन बनाने वाले पहले क्रिकेटर बने थे। ऐसा करने के बाद वे अपनी खुशी नहीं रोक पाए।
1) सुनील गावस्कर टेस्ट में 10 हजार रन बनाने वाले पहले बैट्समैन बने
मोटेरा में पहला मैजिकल क्रिकेटिंग मोमेंट भारत के पहले सुपरस्टार बैट्समैन सुनील गावस्कर के नाम पर है। लिटिल मास्टर ने 7 मार्च 1987 को पाकिस्तान के खिलाफ 58 रन बनाकर टेस्ट क्रिकेट में 10 हजार रन पूरे किए थे। गावस्कर टेस्ट क्रिकेट में ऐसा करने वाले पहले बल्लेबाज बने थे।
मजेदार बात यह भी है कि उनके 10 हजार रन पूरे करते ही दर्शक उन्हें शुभकामनाएं देने मैदान में आ गए थे। इसके चलते मैच कुछ देर के लिए रोकना भी पड़ गया था। गावस्कर ने मैच में 242 मिनट बल्लेबाजी की और 170 गेंदों में 6 चौकों की मदद से 63 रन बनाए। हालांकि, यह मैच ड्रॉ रहा था।

कपिल ने 8 फरवरी, 1994 को कीर्तिमान रचा था। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर सर रिचर्ड हेडली का सबसे ज्यादा टेस्ट विकेट लेने का रिकॉर्ड तोड़ा था। ऐसा करने के बाद दर्शकों का अभिवादन स्वीकारते कपिल।
2) कपिल देव ने रिचर्ड हेडली का रिकॉर्ड तोड़ा
श्रीलंका के खिलाफ तीसरे टेस्ट में कपिल देव की गेंद पर हशन तिलकरत्ने ने लंबा शॉट खेलना चाहा, लेकिन बॉल सीधे संजय मांजरेकर के हाथों में समा गई। इसी विकेट के साथ कपिल देव 8 फरवरी, 1994 को टेस्ट क्रिकेट में उस समय के सर्वाधिक विकेट लेने वाले खिलाड़ी बन गए थे। यह उनका 432वां टेस्ट विकेट था और उन्होंने न्यूजीलैंड के महान बॉलर रिचर्ड हेडली का रिकॉर्ड तोड़ा था।

सचिन ने 30 अक्टूबर 1999 को न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट में पहली डबल सेंचुरी लगाई थी। उन्होंने 217 रन की पारी खेली थी।
3) सचिन ने करियर की पहली डबल सेंचुरी लगाई
दुनिया में 200 टेस्ट मैच खेलने वाले इकलौते बल्लेबाज मास्टर ब्लास्टर सचिन के लिए भी मोटेरा यादगार स्टेडियम है। सचिन ने 30 अक्टूबर 1999 को न्यूजीलैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट के दूसरे दिन पहली बार 200 रन का आंकड़ा पार किया था। हालांकि यह मैच ड्रॉ रहा था। भारत ने पहली पारी में सचिन के दोहरे शतक (217) और सौरव गांगुली-एस रमेश के शतकों के साथ 583/7 पर पारी घोषित की थी।
इसके जवाब में कीवी टीम 308 पर ऑल आउट हो गई थी। भारत ने दूसरी पारी 148/5 पर घोषित कर दी। इससे न्यूजीलैंड की टीम को 424 रनों का लक्ष्य मिला। न्यूजीलैंड ने चौथी पारी में 252/2 बनाए और इस तरह मैच ड्रॉ रहा। सचिन 200 टेस्ट खेलने वाले एकमात्र खिलाड़ी हैं। उन्होंने 329 पारियों में 53.78 की औसत से 15921 रन बनाए। उनके नाम 51 शतक और 68 अर्द्धशतक हैं।

श्रीलंका के महान स्पिनर मुथैया मुरलीधरन (बाएं) और सचिन तेंदुलकर। सचिन ने नवंबर, 2009 में इस टेस्ट में श्रीलंका के खिलाफ इंटरनेशनल करियर में 30 हजार रन पूरे किए थे।
4) सचिन 30 हजार रन बनाने वाले पहले बैट्समैन बने
सचिन तेंदुलकर ने नवंबर, 2009 में श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट मैच के दौरान मोटेरा में ही 30 हजार रन बनाने का मुकाम हासिल किया। श्रृंखला के पहले टेस्ट के अंतिम दिन के 44वें ओवर में तेंदुलकर ने चनाका वेलेगेदरा की इन स्विंग बॉल पर डीप स्क्वेयर लेग पर सिंगल रन लेकर यह रिकॉर्ड बनाया था। यह मैच भी ड्रॉ रहा था।

युवराज ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2011 वनडे वर्ल्ड के फाइनल में नाबाद 57 रन की शानदार पारी खेली थी और भारत को सेमीफाइनल में पहुंचाया था। मैच जिताने के बाद युवराज सिंह।
5) 2011 में भारत ने डिफेंडिंग चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को वर्ल्ड कप से बाहर किया था
2011 क्रिकेट वर्ल्ड कप भारत में आयोजित हुआ था। इसलिए पूरे देश को टीम से काफी उम्मीदें थीं। क्वार्टर फाइनल में भारत का सामना गत चैंपियन ऑस्ट्रेलिया से हुआ था और ऑस्ट्रेलिया वही टीम थी, जो लगातार 3 वर्ल्ड कप जीत चुकी थी। ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में कप्तान रिकी पोंटिंग के शतक (104) की मदद से भारत को 261 रनों का लक्ष्य दिया था। वहीं, टीम इंडिया ने 47.4 ओवर में टारगेट चेज करते हुए सेमीफाइनल में जगह बनाई थी। लगातार 3 वर्ल्ड कप (1999, 2003, 2007) जीतने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम 11 सालों में पहली बार वर्ल्ड कप नॉकआउट राउंड से बाहर हुई थी।
इस मैच में युवराज सिंह (57*), सचिन तेंदुलकर (53) और गौतम गंभीर (50 ) ने रन चेज करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। फिफ्टी बनाने के अलावा युवराज ने 2 विकेट भी लिए थे। इस ऑलराउंड प्रदर्शन के चलते उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया था। एक इंटरव्यू के दौरान युवराज ने इस मैच को अपना यादगार पल बताया था।

दर्शकों के लिए फिर से तैयार है मोटेरा स्टेडियम।
2023 वनडे वर्ल्ड कप का फाइनल मोटेरा में होगा
वनडे क्रिकेट वर्ल्ड कप में भारत 2 बार चैंपियन बन चुका है। टीम ने 1983 में लॉर्ड्स में कपिल देव और 2011 में मुंबई के वानखेड़े में एमएस धोनी की कप्तानी में ट्रॉफी जीती है। हालांकि, 2011 के बाद हुए दोनों वर्ल्ड कप में भारतीय टीम सेमीफाइनल में ही टूर्नामेंट से बाहर हुई है। भारत को 2015 के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने और 2019 के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड ने हराया। वहीं, अब 2023 का वनडे वर्ल्ड कप भारत में आयोजित होना है। इस वर्ल्ड कप का फाइनल मोटेरा क्रिकेट स्टेडियम में ही खेला जाएगा।