12 घंटे पहले
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फिल्म अभिनेता और कॉमेडियन शेखर सुमन ने इरफान खान की कब्र के बहाने फिल्म इंडस्ट्री पर निशाना साधा है। उन्होंने कब्र की फोटो साझा करते हुए लिखा, “यह दिवंगत अभिनेता इरफान खान की कब्र है। क्या यह जिंदगी की कोई सीख देती है? इतनी लोकप्रियता और दुनियाभर में प्रसिद्धि के बावजूद आप यहां इस खस्ताहाल कब्र में अकेले होते हैं। क्या इंडस्ट्री जागेगी और कम से कम इस जगह पर सफेद मार्बल के साथ प्यार भरा स्मृति लेख लिखने की कोशिश करेगी?”
This is d late actor Irrfan Khan’s grave.Does it teach anything about life?After all the fame n adulation,International acclaim,you lie alone in an unkempt grave.Can the industry wake up and at least get this place done in white marble wid a loving epitaph? pic.twitter.com/nJWTspC53M
— Shekhar Suman (@shekharsuman7) September 30, 2020
बेटे ने लिखा था- बाबा को यह जंगली तरीके से पसंद था
हाल ही में इरफान के बेटे बाबिल ने कब्र की यह फोटो इंस्टाग्राम पर साझा की थी। उन्होंने इसके साथ लिखा था- बाबा को यह सब जंगली तरीके से पसंद था। मम्मा ने हाल ही में आसपास के जंगलीपन के बारे में लिखा था, जिसके बाद कुछ फैन्स इसे अस्त-व्यस्त देख चिंतित हो गए थे।
मुझे आपको यह समझाने की जरूरत है कि वे हमेशा अपने आसपास घास और पेड़-पौधे चाहते थे। वे चाहते थे कि कचरा और प्लास्टिक को हमेशा इस जंगलीपन से दूर रखा जाए।
मम्मा ने लिखा था, ‘महिलाओं को मुस्लिम कब्रिस्तान में जाने की इजाजत नहीं है। इसलिए मैंने इगतपुरी में रात रानी का पेड़ लगाया है। मैंने उनकी याद में एक पत्थर भी वहां रखा है, जहां मैंने उनकी सबसे प्रिय चीज को दफन किया है। मेरे पास वह जगह है, जहां मैं बिना किसी के बताए कई घंटे तक बैठ सकती हूं।
मैं उनकी बगल में नहीं बैठ सकती। उनकी रूह वहां है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उन्हें कब्रिस्तान में छोड़ दिया गया है। जहां तक सभी के सवालों की बात है तो ये जंगली पौधे और घास बारिश के मौसम में ही उगते हैं। ‘
इरफान के दोस्त ने भी शेयर की थी कब्र की फोटो
इससे पहले इरफान के दोस्त चंदन रॉय सान्याल ने भी उनकी कब्र की फोटो सोशल मीडिया पर साझा की थी। उन्होंने कैप्शन में लिखा था, “कल से इरफान को याद कर रहा था। चार महीने तक उसकी कब्र पर नहीं जा सका। आज मैं गया। वहां वे अकेले हैं। पेड़-पौधों के अलावा कोई नहीं है। सिर्फ शांति है।” करीब दो साल तक न्यूरोएंडोक्राइन कैंसर से लड़ने के बाद इसी साल 29 अप्रैल को इरफान का इंतकाल हो गया था।
Was missing irrfan since yesterday, beating myself for not having gone to his tomb for 4 months. Today i went ,there he was resting alone with no-one around with plants. In silence. I left him some Rajnigandha and took a piece of him back with his blessings. So long #IrrfanKhan pic.twitter.com/3xzoAS7zzZ
— Chandan Roy Sanyal (@IamRoySanyal) September 20, 2020