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नई दिल्ली18 दिन पहले
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- भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले साल सितंबर में जारी किया था नया सिस्टम
- सभी बैंक खातों से जारी होने वाले चेक पर लागू होगी नई व्यवस्था
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पिछले साल सितंबर में चेक से भुगतान के लिए ‘पॉजिटिव पे सिस्टम’ पेश किया था। यह नया सिस्टम 1 जनवरी 2021 से लागू हो गया है। इस सिस्टम को लागू करने का मकसद चेक के जरिए होने वाली धोखाधड़ी को रोकना है। आज हम आपको इस सिस्टम की पूरी प्रक्रिया और लाभ बताने जा रहे हैं।
क्या है पॉजिटिव पे सिस्टम?
पॉजिटिव पे सिस्टम के तहत चेक जारी करने वाले को उस चेक से जुड़ी कुछ जानकारी इलेक्ट्रॉनिक तरीके से भुगतान करने वाले बैंक को देनी होगी। यह जानकारी SMS, मोबाइल ऐप, इंटरनेट बैंकिंग या ATM के जरिए दी जा सकती है।
कौन-कौन सी जानकारी देनी होगी?
चेक जारी करने वाले को चेक की तारीख, भुगतान प्राप्त करने वाले का नाम, भुगतान की जाने वाली राशि, चेक नंबर जैसी जानकारी भुगतान करने वाले बैंक को देनी होगी।
क्यों देनी होगी चेक से जुड़ी जानकारी?
RBI के मुताबिक, चेक पर मौजूद जानकारी और चेक जारी करने वाले की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी का चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS) में मिलान किया जाएगा। यदि चेक और ग्राहक की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी में कोई अंतर मिलता है तो CTS चेक को भुगतान करने वाले बैंक को लौटा देगा। इसके बाद भुगतान करने वाला बैंक इससे संबंधी निवारण उपाय अपनाएगा।
क्या यह सिस्टम सभी चेक पर लागू होगा?
नहीं। यह सिस्टम सभी चेक पर लागू नहीं होगा। RBI के नोटिफिकेशन के मुताबिक, यह सिस्टम 50 हजार रुपए या इससे ज्यादा की राशि वाले चेक पर लागू होगा।
क्यों बनाया गया नया सिस्टम?
चेक से जुड़ी धोखाधड़ी को रोकने के लिए RBI ने यह पॉजिटिव पे सिस्टम बनाया है। इस सिस्टम से पेमेंट सुरक्षित होगा और क्लीयरेंस में लगने वाले समय में कमी आएगी।
क्या सभी बैंक खातों पर लागू होगा यह सिस्टम?
RBI ने 50 हजार रुपए या इससे ज्यादा की राशि के जारी करने वाले सभी बैंकों खातों पर पॉजिटिव पे सिस्टम को लागू किया है। हालांकि, ग्राहक के अनुरोध पर बैंक 5 लाख या इससे ज्यादा की राशि वाले चेक के लिए इस सिस्टम को लागू कर सकते हैं।
विवाद होने पर क्या वैकल्पिक व्यवस्था होगी?
RBI के सितंबर के नोटिफिकेशन में शामिल डिस्प्यूट रेजोल्यूशन मैकेनिज्म के तहत CTS ग्रिड पर केवल पॉजिटिव पे सिस्टम के मानकों को पूरा करने वाले चेक को स्वीकार किया जाएगा। हालांकि, सदस्य बैंक चेक को क्लीयर करने के लिए CTS से अलग व्यवस्था बना सकते हैं।