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- Market Capitalisation Of BSE Listed Companies Increased By Rs 182 Lakh Crore In 20 Years
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मुंबईएक महीने पहले
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शेयर बाजार में लगातार बढ़ रहे विदेशी निवेश और घरेलू निवेशकों की संख्या के चलते प्रमुख इंडेक्स रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं। इसमें सेंसेक्स 47 हजार के पार और निफ्टी 14 हजार के करीब कारोबार कर रहा है। अच्छी बढ़त के चलते बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप भी 188 लाख करोड़ रुपए स्तर के करीब पहुंच गया है।
खास बात यह है कि ज्यादातर ब्रोकरेज हाउसेस बाजार की रैली को आगे जारी रहने का अनुमान जता रहे हैं। ऐसे में अधिक उम्मीद है कि अगले साल के शुरुआती महीने में ही सेंसेक्स 50 हजार के स्तर तक पहुंच सकता है। इसी दौरान लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप भी 200 लाख करोड़ रुपए के स्तर को छू सकता है।
20 सालों में बाजार में रिकॉर्ड बढ़त
बीएसई एक्सचेंज पर उपलब्ध डेटा के मुताबिक 20 साल 4 महीने में लिस्टेड कंपनियों का टोटल मार्केट कैप 182 लाख करोड़ रुपए से अधिक बढ़ चुका है। अगस्त 2001 में यह 5.23 लाख करोड़ रुपए था, जो दिसंबर 2020 में अबतक 187.20 लाख करोड़ रुपए हो गया है। इसी दौरान सेंसेक्स इंडेक्स में भी अच्छी बढ़त दर्ज की गई। इंडेक्स 31 अगस्त 2001 की क्लोजिंग लेवल 3,244.95 से 44,368.13 अंक बढ़कर 29 दिसंबर को 47,613.08 के स्तर पर बंद हुआ था।
20 सालों में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप 182 लाख करोड़ रुपए बढ़ा
माह | क्लोजिंग लेवल | मार्केट कैप (रुपए में) |
दिसंबर 2020 | 47,353.75 | 187.02 लाख करोड़ |
नवंबर 2020 | 44,149.72 | 174.14 लाख करोड़ |
अगस्त 2018 | 38,645.07 | 159.34 लाख करोड़ |
नवंबर 2017 | 33,149.35 | 145.96 लाख करोड़ |
मार्च 2017 | 29,620.50 | 121.54 लाख करोड़ |
जुलाई 2016 | 28,051.86 | 108.63 लाख करोड़ |
जून 2014 | 25,413.78 | 90.20 लाख करोड़ |
अप्रैल 2014 | 22,417.80 | 74.94 लाख करोड़ |
दिसंबर 2009 | 17,464.81 | 60.81 लाख करोड़ |
जुलाई 2007 | 15,550.99 | 45.29 लाख करोड़ |
मार्च 2006 | 11,279.96 | 30.22 लाख करोड़ |
मार्च 2004 | 5,590.60 | 15.39 लाख करोड़ |
अगस्त 2001 | 3,244.95 | 5.23 लाख करोड़ |
शेयर बाजार के प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स (47,714) और निफ्टी (13,967) दोनों रिकॉर्ड स्तर पर कारोबार कर रहे हैं। बावजूद इसके कई ब्रोकरेज हाउसेस आगे भी तेजी का अनुमान जता रहे हैं। इसमें BNP परिबास, मॉर्गन स्टैनली और जेपी मॉर्गन सहित ICICI सिक्युरिटीज और मोतीलाल ओसवाल नाम शामिल हैं।
आगे भी तेजी का अनुमान
ग्लोबल ब्रोकरेज हाउस JP मॉर्गन का मानना है कि 2021 में दिसंबर तक निफ्टी 15 हजार का स्तर छूने में कामयाब होगा। इसके पहले BNP परिबास ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा कि साल 2021 में सेंसेक्स 50500 के रिकॉर्ड स्तर को छू सकता है। इसके अलावा मॉर्गन एंड स्टैनली ने भी साल 2021 में सेंसेक्स के 50 हजार का आंकड़ा छूने का अनुमान जताया है।
इसी महीने ग्लोबल बैंक BNP परिबास ने कहा था कि भारत और चीन लॉन्ग टर्म के लिए इकोनॉमी को मजबूत करने पर फोकस हैं। इसके अलावा दोनों ही देशों में डिमांड बढ़ाने के मजबूत करने और निवेश के उपायों पर भी जोर दिया जा रहा है। इसमें भारतीय बाजार को एक और फायदा है कि यहां क्वालिटी स्टॉक्स की उपलब्धता ज्यादा है। ऐसे में विदेशी निवेशक भारी निवेश कर रहे हैं। बता दें कि इस साल प्राइमरी और सेकेंडरी मार्केट से कंपनियों ने 1.78 लाख करोड़ रुपए जुटा चुके हैं। यह रकम मार्केट IPO, OFS और अन्य तरीकों से जुटाई गई है।
जनवरी-मार्च के बीच 50 हजार तक पहुंच सकता है सेंसेक्स
भारी विदेशी निवेश का सिलसिला इसी तरह चलता रहा तो अगले साल के शुरुआती महीनों में ही सेंसेक्स 50 हजार के स्तर पहुंच सकता है। आनंद राठी फाइनेंशियल सर्विसेस के रिसर्च हेंड नरेंद्र सोलंकी कहते हैं कि दिसंबर खत्म हो रहा है। अगले सप्ताह से तीसरी तिमाही के रिजल्ट आने शुरु हो जाएंगे। अगर रिजल्ट उम्मीद के मुताबिक रहे तो जनवरी में मार्केट कैप 200 लाख करोड़ हो सकता है।
उन्होंने कहा कि अब मौजूदा स्तर से अगर सेंसेक्स 10% बढ़ता है तो लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 200 लाख करोड़ रुपए का आंकड़ा हासिल हो जाएगा। लेकिन इस बीच अगर कोई निगेटिव खबर आई तो इसमें मार्च तक का समय लग सकता है।
बाजार को कमजोर हो रहे डॉलर का फायदा
दूसरी ओर अमेरिकी डॉलर भी अन्य करेंसी के मुकाबले कमजोर हो रहा है। रॉयटर्स के मुताबिक यूरो, ऑस्ट्रेलियन और न्यूजीलैंड डॉलर के मुकाबले अमेरिकी डॉलर 2 साल के निचले स्तर पर आ गया है। एशिया में बुधवार को डॉलर की कीमत फिसलकर 1.22 डॉलर प्रति यूरो आ गया, जो अप्रैल 2018 का स्तर है। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से शुरु हुई गिरावट कोरोना राहत पैकेज के ऐलान के बाद डॉलर में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। बाजार के जानकारों का कहना है कि डॉलर की गिरती कीमत भारतीय शेयर बाजार के लिए अच्छी बात है। ऐसे में विदेशी निवेश बढ़ेगा और बाजार जल्द ही एक नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने में कामयाब होगा। साथ ही लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप भी 200 लाख करोड़ या उससे अधिक के स्तर को टच कर सकता है।